सूर्योदय समाचार :- बिहार में महाब्राह्मण समाज के साथ किया गया सौतेला व्यवहार नही दिया गया जातीय जनगणना में कोई अलग कॉलम :- महाब्राम्हण शक्ति मोर्चा
बिहार में महाब्राह्मण समाज के साथ किया गया सौतेला व्यवहार नही दिया गया जातीय जनगणना में कोई अलग कॉलम :- महाब्राम्हण शक्ति मोर्चा
महाब्राम्हण शक्ति मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा विभागीय अधिकारियों से
बक्सर :- बिहार में जैसे ही जाति आधारित जनगणना की सूची जारी की गई विभिन्न दलों और महाब्राह्मण जातियों में सरगर्मी कुछ बढ़ सी गई है, शुरू से ही बिहार के मुखिया से महाब्राह्मण समाज के लोग अपना एक अलग जाति का कॉलम बनाने की मांग कर रहे थे लेकिन इनके मांग को किसी ने नहीं सुना, कई जगह इसका विरोध भी हुआ लेकिन सरकार के कान तक यह बात शायद नहीं पहुंच सकी जिसको लेकर जैसे ही सूची जारी हुई तत्पश्चात कुछ सामाजिक संगठन के लोगों में जागृति आ गई और इसी क्रम में *महा ब्राह्मण शक्ति मोर्चा* के कार्यकर्ताओं ने समाचार के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक कुमार झा के द्वारा कहा गया की सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है बार-बार मांग करने के बाद भी सरकार ने हम लोगों को कॉलम 126 में ही रखा गया, इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार हमारी जनसंख्या को छुपाना चाहती है, आने वाले समय में हम सरकार को अपनी संख्या अवश्य बता कर रहेंगे ,तो वही संगठन के संस्थापक श्री ब्रिजमणि भारद्वाज ने कहा कि सरकार अगर अभी हमारी बात नहीं मानती है ,आने वाले समय में हम अपनी संख्या बल को स्वयं सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे बिहार के 38 जिला में रहने वाले महाब्राह्मण/ महापात्र समाज के लोगों को जोड़कर सरकार के सामने खड़ा करने का काम करेंगे और हम सरकार से अपने जातियों का वाजिब अधिकार प्राप्त कर के रहेंगे, हम सरकार से अपना अधिकार मांग रहे हैं फिर सरकार हमारी मांगों को क्यों नहीं सुन रही ?,यह सोचने वाली बात है साथ ही संगठन के राष्ट्रीय महासचिव श्री सुबोध ठाकुर ने कहा कि सरकार अब यह भेदभाव और सौतेलापन महा ब्राह्मण/महापात्रों के साथ करना बंद करें, आज भी हमारा समाज राजनैतिक,शैक्षणिक व सामाजिक रूप से पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है,यदि हम महाब्राह्मण/महापात्रों की बात नही सुनी जाती है, हमे हमारे मौलिक अधिकारों से वंचित रखा जाता है तो आगामी चुनाव में हम लोग नोटा बटन का प्रयोग कर चुनाव का बहिष्कार करेंगे। अगर हम लोगों को अलग से कलम नहीं मिलता है फिर हमारा एक प्रतिनिधिमंडल विभागीय अधिकारियों से मिलकर इस विषय को गंभीरता से लेने का निवेदन करेगा।
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