तर्पण बिशेष
पिताजी के आदर्श आज भी हमारे साथ-साथ समाज के लिए भी प्रेरणादायक रहे हैं।
बक्सर :- पिताजी का शिक्षा के प्रति गजब का समर्पण भाव था मानो समाज के प्रत्येक लोगों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य हमेशा करते रहे, समाज के हर तबके के लोग पिताजी को सम्मान भाव से देखते थे,
आज मैं जो कुछ भी हूं अपने पिताजी के बदौलत ही हूं, उनके लिए मेरी सच्ची श्रंद्धाजली यही होगी कि आजीवन उनके विचारों पर आगे बढ़ते रहे, तर्पण के अवसर पर अपने पिताजी को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूं
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